Friday, April 9, 2010

क्या है आरक्षण की ज़रूरत ?

(Akshay Kumar jha)

आधी जनसंख्या को एकतीहाई की दरकार... शायद इसकी ज़रूरत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में ही पड़ सकती थी.... क्योंकि यहां मेला लगा है आरक्षण लेने वालों का नहीं बल्कि देने वालों का... सियासत की बागडोर जब भी ढिली पड़ी...आरक्षण की कमान खींचने को तैयार हो गए आज के कुर्सी के हवलदार... संविधान बना तो उस समय के महापंडितों ने जो आकलन किया वो था कि समाज में जो पिछड़े हैं उनकों आरक्षण दी जाए, वो भी मात्र 15 सालों तक... लेकिन आज आरक्षण का भूत इस कदर हावी है सियासत पर कि मानो इसके बीना संसद का पहिया घूमेगा ही नहीं... कोई कोटे की बात कर रहा है तो कोई कोटे के अंदर कोटे की... मामला ख़ुद में इतना पेचिदा है कि शायद ही भारत की आधी जनता को समझ में आए की राज्यसभा में कुछ दिनों पहले औरत को लेकर इतना झगड़ा क्यों हो रहा था... एक-आध को तो समझाने की कोशिश मैंने भी की...लेकिन समझने से पहले ही वो नेता बन जाते थे... अपनी बुद्धि अपने पर ही भाड़ी पड़ती थी... कोई ये नहीं समझता कि क्यों है आरक्षण...तो कोई ये जानने को तैयार नहीं कि आख़िर ये बहस तब है क्यों... अच्छा हुआ चलो इसी बहाने ज्ञान देने की आदत छूटी... अरे बातों बातों में ये तो लिखना भूल ही गया कि आख़िर ये ब्लॉग लिखना शुरू क्यों किया था... आज नफ़ीसा अली को किसी बैंक के प्रचार (ओ सॉरी आजकल ऐड बोलते हैं) पर नाचते देखा... कोई दोराय नहीं कि दिखती ख़ूबसूरत हैं... ऐक्टिंग भी अच्छी है... फिर सोचा की चलो इनके बारे में कुछ पता किया जाए गूगल पर सर्च मारा नहीं कि सौ जानकारियां उनके बारे में पता चली... एक-एक करके मैं बताता हूं... हां लेकिन ये जान लें कि बता क्यों रहा हूं... मेरा एक सवाल है ज़रूर सोचना...की क्या है आरक्षण की ज़रूरत ?... वाज़िद अली की पोती और मशहूर फ़ोटोग्राफ़र अहमद अली की बेटी नफ़ीसा अली की मां एक ऑस्ट्रलियन महिला थी... 1972 से लेकर 1974 उन्होंने जो चमकदार जलवे अपने स्विमिंग कॉस्टयूम में दिखाएं हैं...कि... उसका मेहनताना उन्हें 1976 में जाकर मिल ही गया वो मिस इंडिया बन गई... इतने मॉडर्न परिवार से थी कि ये सब क़ामयाबियां कोई हैरत की बात नहीं थीं... सफ़र तो अभी शुरू हुआ था..मतलब आगाज़ इतना सुनहरा तो आंजाम तो ख़ास होना ही चाहिए... 1979 से लेकर 2007 के बीच उन्होंने बॉलीवुड के परदे पर अपनी ख़ूबसूरती को भूनाना नहीं भूला....हां जब ये पता चला कि अब कुछ अलग...मतलब की बॉलीवुड के बाद अब क्या ? सीधी सी बात है जनाब सियासत... वैसे भी भारत में पैसे वालों का यही अंजाम होता है... ख़ैर मुद्दे से फिर भटक गया बात नफ़ीसा अली की... मतलब वो नाच रहीं थीं ऐड में...पिछले ही लोकसभा में वो समाजवादी पार्टी से लखनऊ जैसे सीट से चुनाव लड़ीं थीं..हार गईं... फिर ग़लती का एहसास होने पर मांफ़ी भी मांग लिया...किससे...अरे भाई जनता से नहीं बल्कि कांग्रेस से... समझ में ये नहीं आता कि हारी समाजवादी पार्टी से तो मांफ़ी कांग्रेस से... ख़ैर ये जाने वो जिन्हें दोबारा लखनऊ में वोट देना हो... हम तो बस ये देख और सुनकर हैरान है कि क्या ऐसे लोगों को भी आरक्षण की ज़रूरत है...अगर है तो दे दो यार किस बात पर बहस है... सभी एक ही बात कह रहें हैं...लेकिन अलग-अगल अंदाज़ में... लेकिन शर्त ये होनी चाहिए कि सिर्फ़ 181 ही लड़ें...545 के सीट पर...ऐसा न हो कि हम मर्द...पहले तो अपने सीट से जाए, फिर बाद में अपनी जगह से...

Saturday, April 3, 2010

शादी है या सनसनी....


(Akshay Kumar jha)
28 जनवरी सभी टीवी चैनलों और अख़बारों की सुर्ख़ियां “भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्ज़ा की सोहराब मिर्ज़ा से सगाई टूट गई है” मानो हंगामा ही हो गया था...टीवी पत्रकारों को दिखाने के लिए काफी कुछ मिल गया था.... साथ ही सानिया को चाहने वाले कितने दिलों ने ठंडी आह भरी होंगी एक दो सिसकियां न चाहते हुए भी मेरी भी निकल गई थी.... माना जा रहा है कि सोहराब के पिता इमरान मिर्ज़ा को इस रिश्ते से कुछ परेशानी थी....साथ ही मीडिया में इमरान ने कह दिया की सोहराब और सानिया के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है...दो महीनों के बाद फिर से एक नई कहानी मीडिया में आ गई कि सानिया का टांका कही और ही भीड़ा है... वो भी इस बार तो सीमा के साथ-साथ सरहद भी टेनिस सनसनी ने पार कर दी... इस बार वर था पाकिस्तान क्रिकेट टीम का कप्तान शोएब मलिक... अभी बात मीडिया में आई ही थी की एक से एक ख़बरों से न्यूज़ चैनलों के टीवी स्क्रीन को लाल करना शुरू कर दिया.... मज़ा तो तब आया जब पता चला कि हैदराबाद में ही शोएब का ससुराल पहले से है... ये तो होना ही था... वैसे भी शोएब के बीते दिनों में झाकें तो आपको पता चल जाएगा की ये कितने शरीफ़ हैं... साहब ने 2002 में ही आयशा सिद्दिकी नाम की एक लड़की से शादी कर ली थी... सिद्दिकी परिवार के पास बक़ायदा निकाहनामा भी है.... अब सीधी बात है झुठलाने के अलावा शोएब के पास कुछ है भी नहीं.... इसी बीच आयशा के परिवार वालों ने क़ानूनी कार्रवाई करवाने की धमकी भी दे दी है... ये सब तो चल ही रहा है लेकिन इन सब के बीच दोनों खिलाड़ी अपने-अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए कोई भी ग़लत क़दम उठाने से हिचक रहे हैं.... सानिया कहती हैं कि वो शादी के बाद भी भारत के लिए खेलती रहेंगी क्योंकि उनको पता है कि पाकिस्तान में खिलाड़ियों का क्या हाल है और इस देश ने दुल्हे के अलावा सानिया को सब कुछ दिया है... नाम, पैसा और साथ ही साथ उनके कपड़ों को भारतीय मीडिया ने जितना तव्वजों देकर उन्हें लाखों का बनाया है वो भला भारत को कैसे भूल सकती हैं... हां इतना ज़रूर है कि वो रहेंगी अपने क्रिकेटर दूल्हें के साथ दुबई में...वाह रे तमाशा.... देश कोई और शादी कहीं और...और अब रहना कहीं और तो भाई खेलना भारत के लिए क्यों... ऐसा तो नहीं है कि बिना उनके भारत को कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं मिलेगा... अरे कम से कम इतना तो याद कर लिया होता की ये वही मुल्क है जिसने भारत से सिर्फ लिया है... दिया है तो सिर्फ और सिर्फ दहशत.... चलिए ठीक है शादी उन्हें करनी है हम लोग इतने क्यों परेशान हो रहे हैं... बस हमारी तो यही दुआ है कि इस बार सानिया शादी कर लें....और शोएब सानिया को शादी के बाद मोटे हो जाने से कहीं फिर से न छोड़ दे....